कलमकारों की श्रृंगार है हिंदी। साहित्य की लाडली है हिंदी। कलमकारों की श्रृंगार है हिंदी। साहित्य की लाडली है हिंदी।
देश चल रहा नफरत से ही, फिर कैसे मैं प्यार लिखूँगा । देश चल रहा नफरत से ही, फिर कैसे मैं प्यार लिखूँगा ।
तुम्हारे बिना सब सूना हो जायेगा खाली ये संसार। तुम्हारे बिना सब सूना हो जायेगा खाली ये संसार।
मां के लालों ने लाल मां का आंचल किया , कड़ियां दासता की तोड़ दी। मां के लालों ने लाल मां का आंचल किया , कड़ियां दासता की तोड़ दी।
घुटनों से बह रही थी रक्त की धारा......! फिर भी न वो खुद से हारा......!! घुटनों से बह रही थी रक्त की धारा......! फिर भी न वो खुद से हारा......!!
निभाएँ समझाएँ करें वफादारी मार्गदर्शक बन करें सुरक्षा सारी। निभाएँ समझाएँ करें वफादारी मार्गदर्शक बन करें सुरक्षा सारी।